ड्रिल का महत्व(Drill ka Mahatwa):परिचय
ड्रिल को अक्सर लोग केवल एक परेड या कदमताल समझते हैं। लेकिन असली मायने में ड्रिल एक प्रशिक्षण प्रणाली है। यह जवानों को अनुशासन, आज्ञा पालन, सामूहिक भावना और आत्मविश्वास सिखाती है।
किसी भी पुलिस बल या सेना में भर्ती होने वाले नए जवान की ट्रेनिंग की शुरुआत ड्रिल से ही होती है। यह इसलिए क्योंकि ड्रिल को व्यवस्था और अनुशासन का आधार माना जाता है।
अगर कोई जवान ड्रिल को सही ढंग से सीख लेता है तो वह अपने पूरे करियर में अनुशासित और जिम्मेदार रहता है। यही कारण है कि हर पुलिस और सैन्य संस्थान में ड्रिल को अहम स्थान दिया जाता है।
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ड्रिल का वास्तविक महत्व(Drill ka Mahatwa)

ड्रिल केवल शरीर को हिलाने-डुलाने की क्रिया नहीं है। इसमें गहरी सोच और अनुशासन छिपा है।
- आदेश पालन की आदत
- ड्रिल का पहला पाठ है कमांड मानना।
- जब प्रशिक्षक कहता है “सावधान”, तो बिना सोचे तुरंत वही मुद्रा बनानी होती है।
- इससे जवानों में तुरंत आदेश मानने और पालन करने की आदत आती है।
- समय की पाबंदी
- ड्रिल में हर क्रिया सेकेंड तक नापी जाती है।
- देर करने या गलती करने पर पूरी टोली बिगड़ सकती है।
- इससे जवान समय पर हर काम करने की आदत डालते हैं।
- टीमवर्क और एकता
- ड्रिल का सबसे बड़ा गुण है सबका एक साथ काम करना।
- 50 लोग भी अगर एक ताल में मार्च करें तो लगता है मानो एक ही शरीर चल रहा हो।
- यह टीमवर्क का सबसे बड़ा उदाहरण है।
ड्रिल और शारीरिक मजबूती
ड्रिल केवल मानसिक अनुशासन ही नहीं, बल्कि शारीरिक मजबूती भी देती है।
- रोज़ाना घंटों की ड्रिल से शरीर चुस्त और फुर्तीला बनता है।
- लंबे समय तक खड़े रहने से सहनशक्ति बढ़ती है।
- लगातार कदमताल से पैर और कमर मजबूत होती है।
- हथियारों के साथ ड्रिल करने से हाथों और कंधों की ताकत बढ़ती है।
ड्रिल को एक तरह से शारीरिक व्यायाम भी कहा जा सकता है, जो जवान को फिट और मजबूत बनाए रखती है।
ड्रिल और आत्मविश्वास
ड्रिल का सबसे बड़ा प्रभाव जवान के आत्मविश्वास पर पड़ता है।
- जब एक जवान परेड ग्राउंड पर सैकड़ों लोगों के सामने कदमताल करता है, तो उसमें आत्मविश्वास पैदा होता है।
- सही तालमेल में मार्च करने से गर्व और उत्साह महसूस होता है।
- यह आत्मविश्वास ड्यूटी के समय भी मदद करता है, क्योंकि अनुशासित जवान कठिन हालात में घबराता नहीं।
ड्रिल और नेतृत्व क्षमता
ड्रिल में हमेशा एक कमांडर होता है। उसकी आवाज़ पर पूरी टोली चलती है।
- कमांडर की भूमिका से नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं।
- जवान समझता है कि एक लीडर को स्पष्ट, तेज़ और आत्मविश्वास से आदेश देना चाहिए।
- वहीं बाकी जवान यह सीखते हैं कि आदेश का सम्मान और पालन करना कैसे ज़रूरी है।
यही गुण आगे चलकर जवानों को अच्छा अधिकारी और बेहतर इंसान बनाते हैं।
ड्रिल का इतिहास और परंपरा
ड्रिल का इतिहास बहुत पुराना है।
- प्राचीन काल में सेनाएँ भी युद्ध से पहले सैनिकों को एक ताल में चलने और लड़ने की ट्रेनिंग देती थीं।
- ब्रिटिश सेना ने आधुनिक ड्रिल प्रणाली विकसित की, जिसे भारतीय सेना और पुलिस ने अपनाया।
- आज भी पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और सेना में परेड और ड्रिल को खास महत्व दिया जाता है।
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस की परेड इसका सबसे अच्छा उदाहरण है, जहाँ देश पूरी दुनिया को अपना अनुशासन और ताकत दिखाता है।
ड्रिल से मिलने वाले 7 बड़े फायदे
- अनुशासन की आदत
- आदेश पालन की क्षमता
- समय की पाबंदी
- टीमवर्क और एकता
- आत्मविश्वास
- शारीरिक फिटनेस
- नेतृत्व गुण
नए भर्ती (Recruits) के लिए ड्रिल टिप्स
अगर आप पुलिस या सेना में भर्ती हुए हैं तो ड्रिल को लेकर ये बातें हमेशा ध्यान रखें:
- कमांड ध्यान से सुनें।
- तेज़ और स्पष्ट आवाज़ रखें।
- कदम मिलाकर चलें।
- एड़ी-मोज़े की आवाज़ साफ सुनाई दे।
- गलती हो तो तुरंत सुधारें।
- हमेशा आत्मविश्वास के साथ परेड करें।
ड्रिल और समारोह
ड्रिल का महत्व केवल ट्रेनिंग तक सीमित नहीं है।
- हर परेड, समारोह और राष्ट्रीय अवसर पर ड्रिल सबसे बड़ा आकर्षण होती है।
- गणतंत्र दिवस पर जब जवान एक साथ कदमताल करते हैं तो पूरी दुनिया भारत की ताकत देखती है।
- पुलिस या सेना की पहचान उनकी ड्रेस और उनकी ड्रिल से होती है।
निष्कर्ष
ड्रिल केवल शरीर की क्रिया नहीं है, यह जवान की आत्मा और पहचान है।
यह उसे अनुशासन, समय की पाबंदी, टीमवर्क और आत्मविश्वास सिखाती है।
ड्रिल के बिना कोई भी बल अधूरा है।
इसीलिए कहा जाता है:
“ड्रिल जवान का आईना है, और अनुशासन उसकी सबसे बड़ी ताकत।”
Frequently Asked Questions
Q1. ड्रिल का सबसे बड़ा महत्व क्या है?
ड्रिल का सबसे बड़ा महत्व है अनुशासन और टीमवर्क। यह जवानों को आदेश पालन और सामूहिक भावना सिखाती है।
Q2. पुलिस और सेना में ड्रिल क्यों ज़रूरी है?
ड्रिल जवान को शारीरिक फिटनेस, मानसिक मजबूती, समय की पाबंदी और आत्मविश्वास सिखाती है।
Q3. ड्रिल की शुरुआत किस कमांड से होती है?
हर नए भर्ती को सबसे पहले “सावधान” और “विश्राम” कमांड सिखाई जाती है।
Q4. क्या ड्रिल केवल परेड के लिए है?
नहीं, ड्रिल सिर्फ परेड तक सीमित नहीं है। यह रोज़मर्रा की ड्यूटी में अनुशासन और आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद करती है।
Q5. नए भर्ती जवान ड्रिल कैसे जल्दी सीख सकते हैं?
कमांड ध्यान से सुनकर, सही मुद्रा अपनाकर और लगातार अभ्यास से ड्रिल जल्दी सीखी जा सकती है।
Summary of Drill ka Mahatwa
Drill is not just about marching or parade—it is the foundation of discipline and teamwork in uniformed forces like police and the army. It teaches recruits to follow orders instantly, maintain punctuality, and work in perfect coordination with others. Drill improves physical fitness, strengthens endurance, and builds confidence.
It also develops leadership qualities: one person commands while others follow, creating respect for both leadership and obedience. Historically, drill has been a key element in armies worldwide and continues to symbolize discipline and unity, especially during national events like Republic Day parades.
For new recruits, mastering basic commands like “Attention” and “Stand at Ease” is the first step towards becoming disciplined officers. Drill instills seven major benefits—discipline, obedience, punctuality, teamwork, confidence, physical fitness, and leadership.
In short, drill is the mirror of a soldier or policeman, reflecting their discipline, strength, and unity.


