21 जून को योग दिवस को क्यों मनाया जाता है ?

पिछले पोस्ट में हमने योग और शारीरिक व्याम के बारे में थोडा जानकारी हासिल की थी इस पोस्ट में हम जानेगे 21 जून योग दिवस मनाये जाने के पीछे का इतिहास  के बारे में !






सरल रूप मे कहे तो योग अध्यात्मिक एवं अत्यंत सूक्ष्म विज्ञानं पर आधारित ज्ञान है जो मन और शारीर के बिच सामंजस्य स्थापित करता है ! 

जरुर पढ़े :सेक्शन फार्मेशन एंड प्लाटून फार्मेशन के फायदे और नुकशान


यह  करोड़ सालो पुरनी एक कला है जिसे भारत के ऋषि मुनिओ ने विकशित किया और आज ये संसार के सबसे लोकप्रिय व्याम कला बन गया है ! योग भारत के अमूल्य सम्पति है! यह  विभिन्न प्रकार के शारीरिक क्रियाओ को करके अपना शारीर को स्वस्थ रखने के लिए करते है !

1st Yog day at Rajpath

यह हमारे लिए गर्व की बात है की इसका उद्गम हमारे ही देश में हुवा !


योग 21 जून को मनाये जाने के पीछे का इतिहास(Yog 21 Jun ko manaye jane ke pichhe ka itihas) : 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69 वे सत्र को संबोधित करते इ  के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी ने विश्व समुदाय  अंतराष्ट्रिय  दिवस मानाने का आह्वान किया !

अपने भाषण में माननीय प्रधानमंत्री  ने कहा उनके शब्द \” योग एक प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देंन  है ! योग अभ्यास शारीर  एवं मन, विचार एवं कर्म , आत्मसंयम एवं पुर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बिच सामंजस्य स्थापित करता है ! यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है !



योग मात्र व्याम नहीं है बल्कि स्वम के साथ, विश्व और रकृति के साथ एकत्वा खोजने का भाव है ! योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अन्दर जागरूकता उत्पन्न करता है तथा प्राकृतिक परिवर्तन से शारीर में होने वाले बदलावों को सहन करने में सहायक हो सकता है !आइए हम सब मिलकर योग को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में स्वीकार करने की दिशा में कार्य करे \”
जरुर पढ़े : पेट्रोलिंग पार्टी को ब्रीफिंग देने का तरीका ?

माननीय प्रधान मंत्री के उपरोक्त आग्रह को सभी देशो ने बहुत ही सराहा और विश्व के मीडिया ने इसे का हाथो हाथ लिए और योग को एक अच्छा रूप में प्रस्तुत किए !


इसी के फलस्वरूप 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभ के 193 सदस्यों ने रिकॉर्ड 177 सह समर्थक देशो के साथ 21 जून को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस मानाने का संकल्प सर्वसम्मति  से अनुमोदित किया ! यह अपने आप में एक रिकॉर्ड था आज तक के संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में किसीभी विषय को  इतने देशो ने एक साथ सह- समर्थक बना हो ! 



अपने संकल्प में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार किया की योग स्वास्थ्य एवं कल्याण केलिए पूर्णतावादी दृष्टीकोण प्रदान करता है !योग विश्व के जनसख्या के स्वास्थ्य के लिए तथा उनके लाभ के लिए विस्तृत रूप में कार्य करेगा !



योग जीवन के सभी पहलुओ में सामंजस्य बैठता है और इसीलिए बिमारी रोकथाम , स्वास्थ्य संवर्धन और जीवन शैली संबधित कई विकारो के प्रबंधन के लिए जाना जाता है !

21 जून को योग दिवस इसीलिए मानते है क्यों की इस दिन को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दवस मानाने का घोषणा की थी !


पहला अन्तराष्ट्री योग दिवश का गिनिज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड :आयुष मंत्रालय ने 21 जून 2015 को राजपथ , नई दिल्ली में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का सफल आयोजन किया ! इस आयोजन में दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बने एक की 35985  प्रतिभागियो के साथ सबसे बड़ा योग सत्र तथा एक ही योग अभ्यास सत्र में सर्वाधिक देशो यानि 84 देशो के नागरिको की प्रतिभागिता हुई !



विज्ञानं भवन में 21 एवं 22 जून 2015 को सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए योग विषय पर दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुवा जिसमे भारत तथा विदेश के लगभग 1300 प्रतिनिधिओ ने भाग  लिया !



इस प्रकार से हम इस पोस्ट के माध्यम से जाने के 21 जून को योग दिवस क्यों मनाया जाता है !उम्मीद है की पोस्ट आपको पसंद आएगा ! अगर कोई  या ब्लॉग के बारेमे हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! और इस ब्लॉग को सब्सक्राइब तथा फेसबुक शेयर तहत लिखे करके हमलोगों को प्रोतसाहित करे और अच्छा करने के लिए !

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *