.38 कैलिबर रिवाल्वर : चाल, विशेषताएँ, उपयोग और सुरक्षित हैंडलिंग

.38 Revolver: Police ke liye 8 Powerful Facts

.38 Revolver: Police ke liye 8 Powerful Facts: Introduction

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने 9 mm पिस्टल की चाल (Working) और उसमें आने वाले रोके (Stoppages) के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की थी। उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए, आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम एक ऐसे पारंपरिक लेकिन अत्यंत भरोसेमंद हथियार के बारे में चर्चा करेंगे, जिसने दशकों तक पुलिस व्यवस्था की रीढ़ का काम किया—.38 कैलिबर रिवाल्वर

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यह रिवाल्वर पहले समय में अधिकांश पुलिस अधिकारियों के पास व्यक्तिगत हथियार के रूप में हुआ करता था और आज भी कई राज्यों की पुलिस आर्मरी में इसे सुरक्षित रखा गया है। अपने समय में यह एक बहुत ही प्रभावी, सरल और भरोसेमंद हथियार माना जाता था, विशेषकर इसलिए क्योंकि इसमें जाम (Jam) होने की संभावना अत्यंत कम होती है।

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रिवाल्वर नाम क्यों पड़ा?

रिवाल्वर शब्द अंग्रेजी के “Revolve” से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है—घूमना।
इस हथियार के भीतर एक सिलेंडर (Cylinder) होता है, जिसमें कारतूस भरे जाते हैं। फायरिंग के दौरान यह सिलेंडर हर शॉट के साथ घूमता है और अगला राउंड फायरिंग पोजीशन में आ जाता है।

.38 Revolver: Police ke liye 8 Powerful Facts
.38 Revolver: Police ke liye 8 Powerful Facts

इसी घूमने वाली प्रणाली (Revolving Chamber) के कारण इसे रिवाल्वर कहा जाता है।

“सिक्सर” क्यों कहा जाता है?

.38 कैलिबर रिवाल्वर को आम बोलचाल में “सिक्सर” भी कहा जाता है, क्योंकि—

  • इसमें एक बार लोड करने पर
  • लगातार 6 राउंड
  • बिना दोबारा लोड किए फायर किए जा सकते हैं

यह विशेषता इसे उस समय के अन्य हथियारों की तुलना में अधिक व्यावहारिक बनाती थी।

.38 इंच रिवाल्वर के प्रकार

बनावट और ट्रिगर सिस्टम के आधार पर .38 इंच रिवाल्वर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं—

1. रूगर ट्रिगर (Ruger Trigger)

यह अपेक्षाकृत स्मूद और मजबूत ट्रिगर सिस्टम माना जाता है। लंबे समय तक उपयोग में रहने के बावजूद इसकी विश्वसनीयता बनी रहती है।

2. टिटेन ट्रिगर (Titan Trigger)

इस प्रकार का ट्रिगर थोड़ा कठोर हो सकता है, लेकिन फील्ड कंडीशन में यह भी काफी भरोसेमंद साबित हुआ है।

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इसका बेसिक डाटा इस प्रकार से है :.38 Revolver ka basic data

  • (i) रिवाल्वर का वजन – 1 पौण्ड 15 औंस
  • (ii) रिवाल्वर की लम्बाई – 11.5 इंच
  • (ii) बैरल की लम्बाई -4 इंच
  • (iv) कारगर रेंज- 15 गज 
  • (v) चैम्बर क्षमता- 6 राउण्ड 
  • (vi) मजल वेलोसिटी – 715 फीट / से0 870 ft/s 
  • (vii) लैण्ड गुब्ज- 6 दाहिने
  •  (viii) कैलिवर- 38 इंच 
  • सिलेन्डर के घूमने के कारण इस शस्त्र का नाम रिवाल्वर रखा गया है। 
  • पुलिस विभाग में प्रायः दो प्रकार के रिवाल्वर प्रयोग में आते हैं – 
  • 1. स्मिथ एण्ड वेसन (Smith & Winson) 
  • 2 वेबले एण्ड स्कॉट (Webley & Scot)

पुलिस विभाग में प्रयुक्त प्रमुख रिवाल्वर

भारतीय पुलिस व्यवस्था में प्रायः निम्नलिखित दो प्रकार के रिवाल्वर प्रयोग में लाए गए हैं—

1. स्मिथ एंड वेसन (Smith & Wesson)

यह अमेरिकी कंपनी द्वारा निर्मित रिवाल्वर है, जो अपनी उच्च गुणवत्ता, संतुलन और सटीकता के लिए जानी जाती है।

2. वेबले एंड स्कॉट (Webley & Scott)

ब्रिटिश मूल का यह रिवाल्वर भारत में लंबे समय तक पुलिस बलों द्वारा प्रयोग किया गया। इसकी मजबूती और सरल मैकेनिज़्म इसकी पहचान रही है।

.38 रिवाल्वर की प्रमुख विशेषताएँ

  • सरल मैकेनिज़्म
  • जाम होने की न्यूनतम संभावना
  • कम प्रशिक्षण में भी सुरक्षित उपयोग
  • रख-रखाव में आसान
  • लंबे समय तक स्टोर करने पर भी विश्वसनीय

इसी कारण आज भी कई वरिष्ठ अधिकारी इसे “भरोसेमंद हथियार” मानते हैं।

रिवाल्वर उपयोग करते समय अपनाई जाने वाली अच्छी आदतें

रिवाल्वर के प्रशिक्षण महत्व या अकादमिक दृष्टिकोण वाले पैराग्राफ में।

किसी भी हथियार की असली ताकत उसके सुरक्षित उपयोग में होती है। रिवाल्वर का प्रयोग करने वाले प्रत्येक जवान को निम्नलिखित अच्छी आदतों का पालन अवश्य करना चाहिए—

(क) हर रिवाल्वर को हमेशा भरा हुआ समझें

भले ही आपको पूरा विश्वास हो कि रिवाल्वर खाली है, फिर भी उसे हमेशा लोडेड मानकर ही हैंडल करें।

(ख) देते या लेते समय निरीक्षण करें

रिवाल्वर किसी को देते या लेते समय सिलेंडर खोलकर उसका निरीक्षण अवश्य करें

(ग) ट्रिगर दबाते समय बैरल आसमान की ओर रखें

निरीक्षण के बाद यदि ट्रिगर दबाना आवश्यक हो, तो बैरल हमेशा आसमान की दिशा में रखें।
यदि रिवाल्वर भरा हुआ हो, तो हैमर को आगे की पोजीशन में रखें।

(घ) अनावश्यक रूप से ट्रिगर पर उंगली न रखें

जब तक फायर करने की वास्तविक आवश्यकता न हो, तब तक उंगली ट्रिगर से बाहर रखें।

(ड) मजल की दिशा पर विशेष ध्यान दें

रिवाल्वर का मजल कभी भी—

  • किसी साथी की ओर
  • भीड़ की ओर
  • या ऐसे स्थान की ओर जहाँ दुर्घटना हो सकती हो
    न रखें।

(च) अनावश्यक छेड़छाड़ न करें

रिवाल्वर के साथ बिना कारण छेड़छाड़ न करें और बगैर आवश्यकता होल्स्टर से बाहर न निकालें

प्रशिक्षण के दृष्टिकोण से रिवाल्वर का महत्व

आज भले ही आधुनिक पिस्टल और ऑटोमेटिक हथियार प्रचलन में हों, लेकिन .38 रिवाल्वर का प्रशिक्षण मूल्य आज भी बना हुआ है, क्योंकि—

  • यह हथियार फायरिंग के मूल सिद्धांत सिखाता है
  • ट्रिगर कंट्रोल और साइट पिक्चर पर फोकस बढ़ाता है
  • सेफ्टी अनुशासन विकसित करता है

इसी कारण कई पुलिस प्रशिक्षण विद्यालयों में आज भी रिवाल्वर का परिचय कराया जाता है।

निष्कर्ष

.38 कैलिबर रिवाल्वर भारतीय पुलिस इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह केवल एक हथियार नहीं, बल्कि अनुशासन, सुरक्षा और जिम्मेदारी का प्रतीक रहा है। इसके सरल मैकेनिज़्म, भरोसेमंद फायरिंग और सुरक्षित हैंडलिंग ने इसे वर्षों तक पुलिस अधिकारियों की पहली पसंद बनाए रखा।

आज के आधुनिक हथियारों के युग में भी, यदि कोई जवान रिवाल्वर को सही तरीके से समझ लेता है, तो वह किसी भी छोटे हथियार को अधिक सुरक्षित और प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकता है।

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